
महेंद्रगढ़ : हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय (हकेवि), महेंद्रगढ़ के इतिहास एवं पुरातत्व विभाग के तत्वावधान में ‘लघु कथा वाचन प्रतियोगिता‘ का आयोजन किया गया। विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों के विद्यार्थियों ने इसमें प्रतिभागिता की। उन्होंने स्वलिखित रचनाओं से प्रतियोगिता में समा बांधा। इस आयोजन का उद्देश्य भारतीय संस्कृति की मुख्य पहचान रही छोटी-छोटी कहानियों को पुनः अपने जीवन में समावेश कराना था।
इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. टंकेशवर कुमार ने भारतीय संस्कृति में लघु कथा के महत्त्व को रेखांकित करते हुए संदेश के माध्यम से कहा कि ऐसे आयोजनों से भारत का युवा वर्ग अपनी विरासत को ज्यादा बेहतर तरीकों से पहचान कर सकता है। साथ ही आज ऐसे माध्यमों से हम अपने शिक्षण को भी और बेहतर एवं आकर्षक बना सकते हैं। इतिहास एवं पुरातत्त्व विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. नरेंद्र परमार ने इस आयोजन को विद्यार्थियों के लिए उपयोगी बताया।
कार्यक्रम के संयोजक डॉ. अभिरंजन कुमार ने ऐतिहासिक परंपराओं एवं प्राचीन सभ्यताओं मे लघु कथा की मजबूत परंपरा की विरासत पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि यदि हमें अपने सामाजिक मूल्यों की पहचान कायम रखनी है तो इस परंपरा का निर्वहन जारी रखना होगा। इस प्रतियोगिता में राजनीति विभाग की हर्षिता ने प्रथम, इतिहास विभाग के कृष्ण झा ने द्वितीय तथा जैव प्रौद्योगिकी विभाग के अमित ने तृतीय स्थान हासिल किया। विश्वविद्यालय में हिंदी विभाग के सहायक आचार्य डॉ. अमित कुमार एवं अर्थशास्त्र विभाग की सहायक आचार्य डॉ. रश्मि तंवर ने निर्णायक की भूमिका निभाई। उन्होंने विद्यार्थियों को लघु कथा की बारीकियों से भी अवगत कराया एवं उन्हें बेहतर लेखन के लिए प्रोत्साहित किया। कार्यक्रम के सफल आयोजन में विभाग के शिक्षक डॉ. कुलभूषण मिश्रा, डॉ. के.आर. पलसानिया सहित श्रद्धा, हार्नेक, नम्रता, दीपक, नीतीश, रविकेश, राहुल, विवेक आदि विद्यार्थियों ने योगदान दिया।
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