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हकेवि में हुई कोडिंग क्लब की शुरुआत

-मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए केंद्रीय सूचना आयुक्त श्री सुरेश चंद्र

 महेंद्रगढ़ : हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय (हकेवि), महेंद्रगढ़ में तकनीक के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए अब विद्यार्थियों के बीच तकनीकी के विकास हेतु कोडिंग क्लब की शुरुआत की गई है। विश्वविद्यालय में सोमवार को इस क्लब का शुभारंभ केंद्रीय सूचना आयुक्त श्री सुरेश चंद्र के द्वारा किया गया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. टंकेश्वर कुमार, विश्वविद्यालय की प्रथम महिला प्रो. सुनीता श्रीवास्तव, कुलसचिव प्रो. सुनील कुमार व वस्त्र मंत्रालय में संयुक्त सचिव श्री अजय गुप्ता ऑनलाइन माध्यम से शामिल हुए। इस अवसर पर मुख्य अतिथि श्री सुरेश चंद्र ने सूचना प्रौद्योगिकी के दौर में तकनीक के बढ़ते उपयोग पर प्रकाश डाला और भारतीय इतिहास में विज्ञान के पुरातन पक्षों से अवगत कराया।

विश्वविद्यालय के शैक्षणिक खंड एक स्थित मिनी ऑडिटोरियम में आयोजित कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्जवलन के साथ हुई। इसके पश्चात विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. टंकेश्वर कुमार ने कहा कि यह हमारे लिए खुशी व गर्व की बात है कि आज औपचारिक रूप से विश्वविद्यालय स्तर पर कोडिंग क्लब की शुरुआत हो गई है। उन्होंने कहा कि आज का समय सूचना तकनीक का समय है और युवाओं के लिए रोजगार के विकल्प विकसित करने हेतु इस महत्त्वपूर्ण पक्ष को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। आज के समय में देखें तो शायद ही मानव जीवन का कोई पक्ष सूचना तकनीकी के प्रभाव से अछूता रहा है। बाद चाहे आपकी दैनिक आवश्यकताओं की हो या फिर शिक्षा, शोध व अनुसंधान की। हर क्षेत्र में कोडिंग का योगदान है। उन्होंने कहा कि यह क्लब अवश्य ही विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों को तकनीक के स्तर पर आ रहे बदलावों को जानने समझने और नए बदलावों के लिए खुद को तैयार करने में मददगार होगा। इसके पश्चात विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो. सुनील कुमार ने कोडिंग क्लब की परिकल्पना को महत्त्वपूर्ण बताते हुए कहा कि अवश्य ही यह क्लब विश्वविद्यालय के कुलपति की आशाओं और अपेक्षाओं को पूरा करने का कार्य करेगा। इसी क्रम में विश्वविद्यालय की प्रथम महिला प्रो. सुनीता श्रीवास्तव ने कहा कि आज हो रही शुरुआत के लिए लंबे समय से तैयारी की जा रही थी। यकीनन यह क्लब बदलते वक्त की आवश्यकताओं के अनुरूप विद्यार्थियों को कोडिंग से जुड़े विभिन्न पक्षों को समझने में मददगार साबित होगा।

कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि श्री अजय गुप्ता ने कहा कि आज के दौर में जीवन में तकनीक और तकनीक के लिए कोडिंग आवश्यक है। नित नए तकनीकी बदलावों को हम कोडिंग के क्षेत्र में लगातार हो रहे प्रयासों का नतीजा कह सकते हैं। समूचा विश्व इस सूचना तकनीकी के प्रभाव को अपना रहा है। भारत भी इस दिशा में जोर-शोर से जुटा है। यकीनन आज के समय में विकास के लक्ष्य को प्राप्त करने हेतु सूचना तकनीक का उपयोग महत्त्वपूर्ण है। उन्होंने विश्वविद्यालय में कोडिंग क्लब की शुरुआत पर हर्ष व्यक्त करते हुए कहा कि वह इस प्रयास के साथ सदैव खड़े हैं। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि श्री सुरेश चंद्र ने अपने संबोधन में भारत की तेजी से विकसित हो रही अर्थव्यवस्था व अमृतकाल का उल्लेख करते हुए कहा कि अब हम उस स्थिति में है जबकि हम अपनी युवा शक्ति के बूते विश्व में एक महाशक्ति के रूप में पहचान बनाने जा रहे हैं। उन्होंने इस दिशा में सूचना तकनीक के स्तर पर हो रहे बदलावों को महत्त्वपूर्ण बताया और कहा कि भारत आज से नहीं बल्कि पुरातन काल से ही इस क्षेत्र में समृद्ध रहा है। भारतीय एस्ट्रोनॉमी, एस्ट्रोलॉजी, आयुर्वेद व योग का अध्ययन करने पर इस बात के प्रमाण मिलते है कि हम विज्ञान के मोर्चे पर समृद्ध रहे हैं। आज समय है कि हम सूचना तकनीक के विकास हेतु एक ऐसा माहौल तैयार करें, जिसमें गहन अध्ययन व नवाचार का बोलबाला हो। कार्यक्रम के अंत में कोडिंग क्लब के संयोजक डॉ. सुनील कुमार ने गणमान्यजनों की उपस्थिति में कोडिंग क्लब का औपचारिक उद्घाटन कराया। आयोजन के अंत के क्लब की ओर से विभिन्न स्तर पर प्रतिभागियों को पुरस्कृत किया गया। कार्यक्रम में धन्यवाद ज्ञापन कम्प्यूटर विज्ञान एवं सूचना विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. केशव रावत ने प्रस्तुत किया। इस कार्यक्रम के सफल आयोजन में डॉ. नितिन गोयल, डॉ. बिनय कुमार रे, डॉ. प्रीति मारथा की भूमिका अहम रही। 

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