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दिल्ली विश्वविद्यालय से संबद्ध दिल्ली सरकार के 16 कॉलेजों को केंद्र सरकार अधिग्रहित करे

फोरम ने शिक्षा मंत्रालय को पत्र लिखा। सरकार के कॉलेजों को अधिग्रहित कर केंद्र सरकार की गवर्निंग बॉडी बने

 

  • * विश्वविद्यालय प्रशासन 16 कॉलेजों में शिक्षकों की  स्थायी नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू करे 
  • * स्वामी श्रद्धानंद कॉलेज में 16 फरवरी से अंग्रेजी विभाग में स्थायी नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू 

         

नई दिल्ली। ​:  फोरम ऑफ एकेडेमिक्स फॉर सोशल जस्टिस के चेयरमैन डॉ. हंसराज सुमन ने केंद्रीय शिक्षा मंत्री श्री धर्मेंद्र प्रधान को पत्र लिखकर मांग की है कि दिल्ली सरकार के वित्त पोषित 16 कॉलेजों को केंद्र सरकार अधिग्रहित कर अपने प्रबंध समिति के अधिकार में ले। फिलहाल दिल्ली सरकार इन कॉलेजों को 5 फीसदी अनुदान देता है ।  उन्होंने बताया है कि दिल्ली सरकार के अंतर्गत 28 कॉलेज आते हैं।  सरकार के 12 कॉलेज शत प्रतिशत वित्त पोषित है। इसके अलावा 4 सांध्य कॉलेज भी हैं । प्रातः व सांध्य की एक ही प्रबंध समिति होती है। कुल मिलाकर 32 कॉलेज दिल्ली सरकार के हैं। इनमें दिल्ली सरकार की ही प्रबंध समिति बनती है।  डॉ. सुमन का कहना है कि इन कॉलेजों में पिछले एक दशक से शिक्षकों व कर्मचारियों की नियुक्ति नहीं हुई है। दिल्ली सरकार के हस्तक्षेप के कारण इन कॉलेजों में स्थाई नियुक्ति की प्रक्रिया भी नहीं हो पा रही है। 

                  फोरम के चेयरमैन डॉ. हंसराज सुमन ने केंद्रीय शिक्षा मंत्री को लिखे पत्र में बताया है कि दिल्ली सरकार इन 16 कॉलेजों में हर साल अपनी प्रबंध समिति बनाती है। यह प्रबंध समिति कॉलेजों की सुचारू रूप से चल रही गतिविधियों में मनमाना हस्तक्षेप करते हैं। जबकि शिक्षकों व कर्मचारियों की सैलरी के अलावा सभी व्यय यूजीसी के माध्यम से सीधे कॉलेजों को आता है, इन कॉलेजों के वित्तीय मामले में भी दिल्ली सरकार की प्रबंध समिति पूरा हस्तक्षेप करती है। उन्होंने बताया है कि पिछले आठ साल से दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार है और इन कॉलेजों में उन्हीं के प्रबंध समिति में चेयरमैन होने के बावजूद इनमें कर्मचारियों व शिक्षकों की स्थायी  नियुक्तियाँ नहीं हुई हैं। जबकि इन कॉलेजों में शिक्षकों के लगभग 1200 पद खाली पड़े हुए हैं। 

            डॉ सुमन ने दिल्ली सरकार के 5 फीसदी अनुदान प्राप्त 16 कॉलेजों का नाम है -- उनके अनुसार दिल्ली सरकार से 5 फीसदी अनुदान प्राप्त कॉलेजों में श्री अरबिंदो कॉलेज, सत्यवती सह-शिक्षा कॉलेज, भगतसिंह कॉलेज, मोतीलाल नेहरू कॉलेज, स्वामी श्रद्धानंद कॉलेज, कालिंदी कॉलेज, लक्ष्मीबाई कॉलेज, श्यामा प्रसाद मुखर्जी कॉलेज, विवेकानंद कॉलेज, भारती कॉलेज, मैत्रीय कॉलेज, दिल्ली कॉलेज ऑफ आर्ट्स एंड कॉमर्स, शिवाजी कॉलेज, राजधानी कॉलेज, गार्गी कॉलेज व कमला नेहरू कॉलेज हैं। उन्होंने बताया है कि इन कॉलेजों की प्रबंध समिति में दिल्ली सरकार से 5 सदस्यों को भेजा जाता है, वहीं सांध्य कॉलेजों में है 6 सदस्यों को भेजा जाता है। इसके अलावा 5 सदस्य दिल्ली विश्वविद्यालय से तथा 2 प्रोफेसर के अलावा कॉलेजों के प्रिंसिपल, 1 जूनियर शिक्षक व 1 सीनियर शिक्षक होता है। सभी सदस्य मिलकर प्रबंध समिति के चेयरमैन व कोषाध्यक्ष का चुनाव करते हैं। दिल्ली सरकार के कॉलेजों में व्यवस्थित प्रबंध समिति होने के बावज़ूद पिछले आठ साल से इन कॉलेजों में शिक्षकों, कर्मचारियों और प्रिंसिपलों की स्थायी नियुक्ति नहीं की गई । 

            डॉ सुमन ने बताया कि दिल्ली सरकार के इन कॉलेजों में अभी भी एक्टिंग व ऑफिसिएटिंग प्रिंसिपल कार्य कर रहे है। कई बार प्रिंसिपल के पदों के लिए विज्ञापन निकाले गए, लेकिन दिल्ली सरकार की उदासीनता के कारण पदों को भरने की समय सीमा भी समाप्त हो गई। कुछ कॉलेजों में प्रिंसिपल पदों पर साक्षात्कार हुआ लेकिन किन्हीं कारणों से स्थायी नियुक्ति नहीं हो सकी। श्री अरबिंदो कॉलेज, श्री अरबिंदो कॉलेज (सांध्य),  मोतीलाल नेहरू कॉलेज, मोतीलाल नेहरू कॉलेज (सांध्य), सत्यवती कॉलेज, सत्यवती कॉलेज (सांध्य), शहीद भगतसिंह कॉलेज (सांध्य), राजधानी कॉलेज, शिवाजी कॉलेज, श्यामा प्रसाद मुखर्जी कॉलेज, विवेकानंद कॉलेज, भारती कॉलेज, मैत्रीय कॉलेज, गार्गी कॉलेज व कमला नेहरू कॉलेज में स्थायी प्रिंसिपल नहीं हैं जिससे कि शिक्षकों और कर्मचारियों की स्थायी नियुक्ति नहीं हो पा रही है।

                      डॉ. सुमन ने पुनः केंद्र सरकार व दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति से भी मांग की है कि दिल्ली सरकार के अंतर्गत आने वाले इन 16 कॉलेजों में केंद्र सरकार अपनी प्रबंध समिति बनाए।  जिसमें 2 सदस्य उप-राज्यपाल की तरफ से, 2 यूजीसी व 1 सदस्य विश्वविद्यालय द्वारा नामित हो। बाकी सदस्यों को कुलपति नामित कर प्रबंध समिति का गठन करें। जिससे कि लंबे समय से खाली पड़े कॉलेजों के प्रिंसिपल, शिक्षक और कर्मचारियों के पदों पर स्थायी नियुक्ति हो सके। उन्होंने बताया है कि स्वामी श्रद्धानंद कॉलेज के अंग्रेजी विभाग में 16 फरवरी से स्थायी नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू की जा रही है जिसका विरोध किया जा रहा है जबकि यहाँ पर स्थायी प्रिंसिपल है और पहले भी ट्रेंकेटिड गवर्निंग बॉडी के द्वारा नियुक्तियां होती रही हैं । उन्होंने कुलपति से मांग की है कि जिन कॉलेजों में एक्टिंग व ऑफिसिएटिंग प्रिंसिपल कार्यरत्त है उन कॉलेजों में भी स्थायी नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू करने संबंधी सर्कुलर जारी कर नियुक्ति के निर्देश दे । 

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