
New Delhi: फोरम ऑफ एकेडेमिक्स फ़ॉर सोशल जस्टिस के चेयरमैन व पूर्व एकेडेमिक काउंसिल के सदस्य डॉ. हंसराज सुमन ने दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफ़ेसर योगेश कुमार सिंह को एक प्रस्ताव भेजकर मांग की है कि दिल्ली विश्वविद्यालय परिसर में 26 नवम्बर को भारतीय संविधान दिवस मनाया जाए और वीसी कार्यालय के सामने बने गार्डन में भारतीय संविधान के शिल्पी , आधुनिक भारत के निर्माता , बोधिसत्व बाबा साहेब डॉ.भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा लगाने की भी मांग की है । डॉ. अम्बेडकर की प्रतिमा लगने से विश्वविद्यालय में उनके संघर्ष और विचारों से लाखों छात्र परिचित हो सकेंगे ।
फोरम के चेयरमैन डॉ. हंसराज सुमन ने कुलपति प्रोफ़ेसर योगेश कुमार सिंह को बताया है कि एक दशक पूर्व उत्तरी परिसर के छात्र संघ परिसर में डॉ. भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा स्थापित थीं लेकिन छात्र संघ की बिल्डिंग को तोड़कर वहाँ अन्य कैम्पस बनाने के कारण उनकी प्रतिमा को हटा दिया गया । डॉ. अम्बेडकर की प्रतिमा को हटाए जाने पर फोरम व अन्य संगठनों ने अपना विरोध प्रकट किया था तो पूर्व कुलपति व अधिकारियों ने कैम्पस या कुलपति के सामने वाले गार्डन में डॉ. भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा स्थापित करने का आश्वासन दिया था लेकिन अभी तक उक्त स्थान पर प्रतिमा नहीं लग सकी । उनका कहना है कि कुलपति 26 नवम्बर को संविधान दिवस मनाने के साथ - साथ डॉ. भीमराव अम्बेडकर की प्रतिमा लगाने का आश्वासन देते है तो विश्वविद्यालय में एक अच्छा संदेश जाएगा ।
डॉ. सुमन का यह भी कहना है कि उनके द्वारा दिए गए प्रस्ताव को केंद्र सरकार की नई शिक्षा नीति -- 2020 के आलोक में देखा जाना चाहिए जो हमारे विश्वविद्यालय के छात्रों के बीच मूल्यों को विकसित करने और एक राष्ट्र के नागरिकों के बीच समानता लाने में बाबा साहेब के योगदान की स्मृति को केंद्र में रखकर उनके द्वारा लिखे गए संविधान में कानून , सुरक्षा , समानता व बंधुत्व के अवसर पर दिए गए प्रावधानों को विशेष शैक्षणिक महत्त्व देना चाहिए । फोरम ने यह भी मांग की है कि नई शिक्षा नीति के तहत स्नातक व स्नातकोत्तर स्तर के पाठ्यक्रमों में भी अनिवार्य हिस्सा बनाया जाना चाहिए । इसके अलावा गांधी भवन की तर्ज पर डॉ. अम्बेडकर अध्ययन केंद्र खोला जाना चाहिए ताकि आज की युवा पीढ़ी उनके बहुमूल्य विचारों से अवगत हो सके । उन्होंने पुनः 26 नवम्बर 2022 को विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से संविधान दिवस मनाने की मांग की है ।
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